छत्तीसगढ

विद्यालयों के समय परिवर्तन से विद्यार्थी प्रसन्न

नवापारा-राजिम/ छत्तीसगढ़ शासन के शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर प्रदेश में स्कूल लगाने का समय प्रात: 9 बजे से अपरान्ह तीन बजे तक कर दिया। जल्दी छुट्टी होने के कारण इस निर्णय से विद्यार्थियों में खुशी एवं उमंग की लहर देखी गई। यह निर्णय परिजनों एवं शिक्षकों को भले ही अटपटा लग रहा है लेकिन बच्चे इस समय परिवर्तन से अत्यधिक खुशी जाहिर कर रहे हैं।

स्कूल समय परिवर्तन के इस निर्णय से सबसे ज्यादा नाखुश शिक्षक वर्ग ही दिख रहा है और उनकी तरफ से शासन को धरना-प्रदर्शन का अल्टिमेटम भी दिया जा चुका है। लेखक ने जब समय परिवर्तन पर बच्चों के विचार जानने चाहे तो उन्हें यह जानकर सुखद् आश्चर्य हुआ कि बच्चे इस समय सारणी से बेहद खुश हैं। पकते चावल के एक दाने से अंदाजा लगाया जाता है कि चावल पका है या नहीं। यही बात समय परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में चंद बच्चों के विचार जानकर कही जा सकती है।

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नवापारा-राजिम के हरिहर उच्चतर माध्यमिक शाला के बच्चे पूनम साहू कक्षा 9वीं, राहुल निषाद कक्षा 7वीं, होरीलाल साहू कक्षा 8वीं, उगेश कुमार गायकवाड़ कक्षा 10वीं ने कहा कि यह समय बहुत अच्छा है और इसे बदलकर पहले जैसा नहीं किया जाना चाहिए। उगेश गायकवाड़ ने तो तर्कपूर्ण जवाब देते हुए कहा कि पहले 2.00 बजे भोजन अवकाश में बच्चे थके हुए और बोर हो जाने के कारण स्कूल से भाग जाते थे। अब ऐसा नहीं होता। साढ़े बारह बजे खाने की छुट्टी बहुत अच्छा है। सच भी है बच्चे कच्चे मिट्टी के लोंदे जैसे ही होते हैं उसे किसी भी सांचे में ढाला जा सकता है। उसे अनुकूलित होने में कोई देरी नहीं लगती। अपने आपको बदलने में बड़े ही अड़चन महसूस करते हैं। शैक्षिक गुणवत्ता वर्ष में बच्चे यदि खुश हैं तो निःसंदेह गुणवत्ता के लक्ष्य को हासिल करने में आसानी होगी। अब देखना है शासन बच्चों की खुशी को तवज्जो देता है या समय को पूर्ववत रखे जाने की शिक्षकों की मांग को पूरा करता है।

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दिनेश चैहान,
छत्तीसगढ़ी ठीहा, नवापारा- राजिम,
मो. 9826778806।