बस्तर दशहरा पर अगले वर्ष राष्ट्रीय स्तर के महोत्सव का आयोजन

रायपुर, 22 सितम्बर 2014/पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में विभागीय काम-काज की समीक्षा की। श्री चन्द्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन स्थलों को वहां की स्थानीय संस्कृति को सुरक्षित रखते हुए विकसित किया जाना चाहिए। पर्यटन का विकास स्थानीय संस्कृति के अनुरूप होना चाहिए और इसमें पर्यावरण की सुरक्षा का विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए। पर्यटकों के संस्कृति और परंपरा के अनुरूप विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के संस्कृति, वेश-भूषा और खान-पान के साथ ही पर्यटको के संस्कृति, परंपरा और खान-पान को  भी ध्यान में रखा जाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक संख्या में देश-विदेश के सैलानी आ सकें। श्री चन्द्राकर ने कहा कि राज्य के पर्यटन स्थलों  और स्मारकों को उसके महत्ता और वहां की संस्कृति के अनुरूप विकसित किया जाना चाहिए।

1955
श्री चन्द्राकर ने प्रदेश के पर्यटन स्थलों के विकास  के लिए एक एक रूट चार्ट पर कार्ययोजना तैयार करने की जरूरत पर बल दिया। मुलभूत सुविधा मुहैया कराने के दिशा में कार्य करने अधिकारियों को निर्देश दिए। श्री चन्द्राकर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में बस्तर दशहरा विश्व विख्यात है, इसे ब्रांडिग कर अगले वर्ष यहां राष्ट्रीय स्तर के महोत्सव करने की दिशा में कार्ययोजना तैयार करना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सचिव श्री आर. सी. सिन्हा, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक श्री संतोष मिश्र सहित राज्य के पर्यटन विकास में सहयोग देने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक में उपस्थित निजी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने पावर पाइंट प्रेजेंनटेशन दिया। उन्होंने गिरौदपुरी, शिवरीनारायण, गंगरेल बांध, चित्रकोट में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए कई सुझाव दिए। पर्यटन मंत्री श्री चन्द्राकर ने कहा कि पर्यटन स्थलों के विकास में पर्यावरण की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर छायादार नीम, बरगद और गस्ती जैसे पौधों का रोपण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर पर्यटकों के सुविधा के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होना चाहिए। श्री चन्द्राकर ने पर्यटन विकास योजनाओं में धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने अधिकारियों को योजनाबद्ध तरीके से परिणाम मूलक कार्य करने के निर्देश दिए। श्री चन्द्राकर ने कहा कि ग्रामीण पर्यटन को भी कार्ययोजना में शामिल कर विकसित करने अधिकारियों को निर्देश दिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *