छत्तीसगढ

मुख्यमंत्री ने किया ’तेजस्विनी’ कोचिंग केन्द्र का शुभारंभ

राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में शासकीय मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर छह तक पहुंचने और एक प्राईवेट मेडिकल कॉलेज को मिलाकर उनमें एमबीबीएस सीटों की संख्या 800 तक पहुंचने के बाद अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की बालिकाओं को उनमें प्रवेश दिलाने के लिए विशेष पहल की जा रही है।

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इन वर्गों की बालिकाएं अधिक से अधिक संख्या में डॉक्टर बन सकें, इसके लिए उन्हें पीएमटी परीक्षा की तैयारी के लिए विशेष कोचिंग दिलाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज शाम शिक्षक दिवस और गणेश चतुर्थी के अवसर पर जिला मुख्यालय रायगढ़ के शासकीय कन्या महाविद्यालय परिसर में इन वर्गों की दसवीं पास छात्राओं के लिए 50 सीटों के कोचिंग केन्द्र ’तेजस्विनी’ का शुभारंभ किया।

इसमें उन बालिकाओं को प्रवेश दिया जा रहा है, जिनके परिवारों की वार्षिक आमदनी अधिकतम एक लाख रूपए है। इस कोचिंग केन्द्र का संचालन आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा जिला खनिज न्यास की राशि से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस कोचिंग केन्द्र के शुभारंभ पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विभाग को बधाई और शुभकामनाएं दी।

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उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य में वर्ष 2006 से 2016 के बीच लगभग दस वर्ष में चार नये मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। वर्ष 2006 में जगदलपुर, वर्ष 2013 में रायगढ़, वर्ष 2014 में राजनांदगांव और अभी दो दिन पहले तीन सितम्बर को अम्बिकापुर (सरगुजा) में इनकी स्थापना हो चुकी है।

रायपुर में पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और बिलासपुर में छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) का भी संचालन किया जा रहा है। डॉ. सिंह ने आज रायगढ़ में तेजस्विनी कोचिंग केन्द्र में छात्राओं को सम्बोधित करते हुए पूरी लगन और मेहनत के साथ पढ़ाई करने की सलाह दी। उन्होंने बालिकाओं से कहा – लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित कर परिश्रम करें तो सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने इस सिलसिले में देश की अनेक महान विभूतियों का उदाहरण दिया और हाल ही में रियो ओलम्पिक में पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों के बारे में भी बताया।

शुभारंभ समारोह में गृह मंत्री और रायगढ़ जिले के प्रभारी श्री रामसेवक पैकरा, नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री श्री अमर अग्रवाल, संसदीय सचिव श्रीमती सुनीति राठिया, विधायक श्री रोशनलाल अग्रवाल और श्रीमती केराबाई मनहर सहित प्रशासन के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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