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स्वाभिमान और स्वाधीनता की मिसाल महाराणा प्रताप

राणा जी अकबर से पराजित होते या अभाव होता तो यह विकास और समृद्धि प्रयास संभव ही नहीं थे। अंततः 19 जनवरी 1597 में स्वाभिमान के साथ उन्होंने देह त्यागी। कोटिशः नमन् परम् वीर यौद्धा राणा प्रताप जी को।

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प्राचीन संस्कृति और पर्यटन का संगम है 7वीं-8वीं शताब्दी का सिद्धेश्वर शिव मंदिर

राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा के देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित एवं संवर्धित करने निरंतर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के नगर पंचायत पलारी स्थित सिद्धेश्वर शिव मंदिर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।

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शिशुपाल पर्वत नए पर्यटन स्थल के रूप में उभर कर आया सामने

महासमुंद जिले के सरायपाली स्थित शिशुपाल पर्वत ट्रैकिंग और एडवेंचर के शौकीन युवाओं के लिए एक शानदान डेस्टिनेशन है। यह स्थान अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए जाना जाता है। राजधानी रायपुर से 157 किमी और सरायपाली से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित यह पर्वत पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है।

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जोगीद्वीप के इतिहास को लेकर हुई चर्चा

संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग रायपुर के द्वारा बलौदाबाजार जिले के देवरी नामक स्थल पर पुरातात्विक उत्खनन का कार्य 2015-16 में किया गया था जिनका उत्खनन रिपोर्ट एक्सकैवेशन एट देवरी (2015 -16) के रूप में प्रकाशित है

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विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़

वहीं छत्तीसगढ़ प्रवास पर आई राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के साथ नवा रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री श्री साय और उनके परिवारजनों व अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ हुई एक ग्रुप फोटो जिसके बैकड्रॉप में जशपुर का खूबसूरत मधेश्वर पहाड़ प्रदर्शित था। पूरी दुनिया में फैली इस छायाचित्र ने लोगों को जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता की ओर ध्यान खींचा है।

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बांग्लादेश का उदय और पाकिस्तान की हार की गाथा

दुनियाँ के इतिहास में यह सबसे छोटा निर्णायक युद्ध माना जाता है। इस युद्ध समापन के साथ एक नये देश का उदय हुआ जो अब बंगलादेश के नाम से जाना जाता है। बंगलादेश के अस्तित्व की भूमिका 1947 में पाकिस्तान के निर्माण के साथ ही ही पड़ गयी थी।

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