खत लिख दे सांवरिया के नाम बाबू
“पत्र लेखन का इतिहास भारत में रामायण- महाभारत काल से मिलता है। डाकिया भावनाओं का संदेशवाहक था, लेकिन डिजिटल युग ने चिट्ठियों की परंपरा को लगभग समाप्त कर दिया है। विश्व पत्र लेखन दिवस हमें उस भावनात्मक जुड़ाव की याद दिलाता है।”
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