भारत में लोकतंत्र की जड़ें पाताल से भी गहरी : अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस
भारत में लोकतंत्र की जड़ें हड़प्पा सभ्यता, वैदिक सभा-समिति, गणराज्यों और बौद्ध संघों से लेकर संविधान तक फैली हैं। जानिए क्यों भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है।
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