भारतीय इतिहास की हृदयविदारक घटना
“वतन के नाम पर जीना, वतन के नाम मर जाना, शहादत से बड़ी कोई इबादत हो नहीं सकती।।” भारत को
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Read moreभारत का राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराने के ‘अपराध’ में नक्सलियों ने एक महिला की आँखों के सामने ही उसके पति के 36 टुकड़े कर दिए और एक पोटली में उसके शव को बाँधकर उसे सौंप दिया। जब वह महिला अपने पति के शव (36 टुकड़े) सिर पर रखकर घने जंगल से अपने घर की ओर जा रही होगी, तब कैसे चल पा रही थी, कल्पना नहीं की जा सकती।
Read moreआज से 75 साल पहले सन 1936 में लखनऊ शहर प्रगतिशील लेखक संघ के प्रथम अधिवेषन का गवाह बना था,
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