छत्तीसगढ़ में ‘स्किल ऑन व्हील्स’ कार्यक्रम का शुभारंभ, कौशल रथ प्रदेश के भ्रमण पर रवाना

मेडिकल कॉलेज परिसर में भारत सरकार के ‘स्किल ऑन व्हील्स’ कार्यक्रम का डॉ. रमन सिंह और केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री अनंत कुमार हेगड़े ने आज शुभारंभ किया। उन्होंने कौशल रथों को झंडी दिखाकर राज्य के भ्रमण के लिए रवाना किया।
ये कौशल रथ गांव-गांव में युवाओं को केन्द्र और राज्य सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम के तहत रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त करने करने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण और स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए मार्गदर्शन देंगे।
राज्य में 15 कौशल रथ भ्रमण करेंगे। प्रत्येक रथ में युवाओं को मार्गदर्शन देने के लिए दो-दो काउंसलर उपलब्ध रहेंगे, 17 से 31 अगस्त तक ये रथ प्रदेश के 13 जिलों का और दो सितम्बर से 17 सितम्बर तक 14 जिलों का भ्रमण करेंगे। इस दौरान ये रथ कौशल विकास का प्रशिक्षण प्राप्त करने के इच्छुक युवाओं का ‘स्किल इंडिया पोर्टल’ पर रजिस्ट्रेशन भी करेंगे।
पंजीकृत युवाओं को उनकी पसंद के व्यवसाय में 50 से 1800 घंटों का प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें रोजगार के अवसर खोजने में सहायता भी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कौशल रथ, स्कील ऑन व्हील्स कार्यक्रम भारत सरकार का कौशल उन्नयन का अद्भुत प्रयास है। इस कार्यक्रम के माध्यम से राज्य सरकार प्रदेश के आखिरी गांव तक पहुंचकर युवाओं को कौशल विकास कार्यक्रम से जोड़ने का प्रयास करेगी।
इस कार्यक्रम से प्रदेश में कौशल विकास का अच्छा वातावरण बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्कील ऑन व्हील्स कार्यक्रम के तहत कौशल विकास का प्रशिक्षण देने वाले शिक्षकों और प्रशिक्षकों को इस क्षेत्र में विश्व स्तरीय तकनीकी नवाचारों की जानकारी देकर उनका सशक्तिकरण भी किया जाएगा।
केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री श्री अनंत कुमार हेगड़े ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने पूरे देश में युवाओं को कौशल विकास का अधिकार देने के लिए कानून बनाकर आदर्श प्रस्तुत किया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में लाईवलीहुड कॉलेज प्रारंभ करने के साथ कौशल विकास के लिए विकसित की गई अच्छी अधोसंरचना की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत देश में चार वर्षों में एक करोड़ युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। श्री हेगड़े ने कहा कि आज दुनिया ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर जा रही है। हमें भी इस दिशा में कदम बढ़ाने होंगे।