जानिए कौन से है विश्व सर्वाधिक प्रदूषित शहर

नई दिल्ली, 2 मई, 2018: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व के प्रदूषित शहरों की रिपोर्ट जारी की है। जिसमें टॉप 15 में भारत के 14 शहर हैं। पन्द्रहवें नम्बर पर कुवैत के अली सुबह अल सलेम नामक शहर ने स्थान प्राप्त किया है।

बता दें कि यह रिपोर्ट 2016 के आंकड़ों के आधार पर जारी की गई है। जो 108 देशों में 4,300 से अधिक शहरों और कस्बों से वायु गुणवत्ता डेटा प्रदान करती है तथा दुनिया के सबसे बड़े डेटाबेस, या आउटडोर, वायु प्रदूषण का गठन करती है।

शहर                  PM2 (प्रदूषण का स्‍तर)
1- कानपुर          173
2- फरीदाबाद       172
3- वाराणसी         151
4- गया               149
5- पटना             144
6- दिल्‍ली            143
7- लखनऊ           138
8- आगरा             131
9- मुजफ्फरपुर      120
10- श्रीनगर          113
11- गुरुग्राम          113
12-जयपुर             105
13- पटियाला         101
14- जोधपुर            98

“डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट गंभीर प्रदूषण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के आपातकाल के बारे में चेतावनी है जिसे आज भारत को मुकाबला करना है” सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के महानिदेशक सुनीता नारायण ने यह टिप्पणी की। उन्होंने डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी किए गए नवीनतम शहरी वायु गुणवत्ता डेटाबेस 2016 के जवाब में कहा। डेटाबेस कहता है कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से शीर्ष 14 भारत में हैं।
सीएसई के कार्यकारी निदेशक-अनुसंधान और वकालत, अनुमिता रॉयचौधरी कहते हैं, “यह एक गंभीर अनुस्मारक है कि वायु प्रदूषण राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन गया है। सभी शहरों में स्वच्छ वायु मानकों को पूरा करने के लिए एक मजबूत अनुपालन रणनीति के साथ राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्य योजना को लागू करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। इसे कड़ी मेहनत की आवश्यकता है। ”
सीएसई का कहना है कि वास्तविक समय की वायु गुणवत्ता निगरानी,​​विशेष रूप से पीएम 2.5 के लिए, बड़े पैमाने पर आबादी वाले सभी शहरों में वायु गुणवत्ता का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण रूप से विस्तार किया जाना होगा। भारत के 5,000 विषम शहरों और कस्बों में से केवल 307 शहरों में निगरानी की जा रही है – इसके अलावा, इनमें से अधिकतर मैन्युअल निगरानी है जो काफी समय के बाद डेटा की रिपोर्ट करता है।
रॉयचौधरी कहते हैं: “राज्य सरकारों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कार्य योजनाओं को अत्यधिक कठोरता और आक्रामकता के साथ लागू किया जाए। भारत को उद्योगों और परिवारों, सार्वजनिक परिवहन में गतिशीलता संक्रमण, चलने और साइकिल चलाने, और इस दूर-दूर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन में भारी ऊर्जा संक्रमण की जरूरत है। ”
शहरों की वायु एवं जल प्रदूषित होने के कारण नागरिकों को अस्थमा एवं कैंसर जैसी अनेक भयंकर व्याधियों से जूझना पड़ रहा है। इस प्रदूषण को रोकने के लिए निगरानी समिति के साथ प्रदूषणकारक तत्वों की पहचान कर उनका उन्मुलन करने की आवश्यकता है, अन्यथा ये शहर आने वाले दिनों में मौत के खामोश चेम्बर बन सकते हैं।

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