विशेष पुलिस महानिदेशक (नक्सल अभियान) श्री डी.एम. अवस्थी ने प्रेस-काॅन्फ्रेंस में कहा


रायपुर, 30 अक्टूबर 2018/ आज दिनांक 30.10.2018 को सीआरपीएफ की 111वीं वाहिनी की कंपनी रूटिन सड़क निर्माण कार्य के लिये जो कि समेली से नीलावाया के बीच चल रहा है, गयी हुई थी।

उसी दौरान दूरदर्शन की एक टीम, जो कि पिछले कई दिनों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों एवं चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने आई हुई थी, जो सड़क निर्माण कार्य और इस क्षेत्र के गांवों की फिल्मांकन के लिये वहाॅं गई थी।

इस टीम के नीलावाया पहुंचने के दौरान माओवादियों के द्वारा पहले से लगाये गये एम्बुश में पहले के वाहन में चल रहे उप निरीक्षक रूद्र प्रताप, सहायक आरक्षक मंगलू राम एवं कैमरामेन अच्युतानंद साहू चपेट में आ गये और उनको गोलियाॅं लग गई।

साथ चल रहे बल के द्वारा तत्काल ही मोर्चा लेकर जवाबी फायरिंग करते हुए माओवादियों का सामना किया गया । घटना की जानकारी मिलते ही अतिरिक्त बल भेजा गया जिसके द्वारा लगभग 1 घंटे तक फायरिंग करने के पश्चात् माओवादी घटना स्थल से भाग गये।

इस घटना में उप निरीक्षक श्री रूद्रप्रताप सिंह, सहायक आरक्षक श्री मंगलू राम एवं डीडी न्यूज के कैमरामेन श्री अच्युतानंद साहू को गोली लगने से शहीद हो गये एवं 02 जवान आरक्षक श्री विष्णु राम एवं सहायक आरक्षक श्री राकेश कौशल घायल हो गये।

पुलिस अधीक्षक, दंतेवाड़ा जो कि पास में अभियान में थे, इस घटना की सूचना मिलने उपरांत घटना स्थल पहुंच गये थे। इस प्रकार अत्यंत बहादुरी एवं वीरता के साथ दंतेवाड़ा के अधिकारी/कर्मचारियों ने जवाबी कार्यवाही करते हुए नक्सलियों का पीछा भी किया।

इस घटना में कम से कम 3 माओवादियों के मारे जाने की सूचना है, जिन्हें उनके माओवादी साथियों द्वारा खींचकर ले जाते हुए देखे गये हैं।

उक्त बयान विशेष पुलिस महानिदेशक (नक्सल अभियान)श्री डी.एम. अवस्थी ने आज एक प्रेस-काॅन्फ्रेंस में दिया और कहा कि वस्तुस्थिति यह है कि दिनांक 27.10.2018 को सीआरपीएफ के जवान अपने बीमार साथी का इलाज कराने बासागुड़ा फील्ड हास्पिटल गये थे।

वहाॅं से वापस लौटते समय मुरदण्डा कैम्प से लगभग 1 कि.मी. पहले बूलेट प्रूफ बंकर वाहन को माओवादियों द्वारा आई.ई.डी. ब्लास्ट से उड़ा दिया गया जिससे सीआरपीएफ के 04 जवान शहीद हो गये। इसके उपरांत साथ चल रही सीआरपीएफ की टुकड़ी द्वारा जवाबी हमला किया गया जिससे माओवादी घटना स्थल से भाग गये।

उन्होंने कहा कि यह घटना पूर्णतः सीआरपीएफ के  Adm. Movement  से संबंधित था, न कि चुनाव कार्य को प्रभावित करने वाला। इन सभी घटनाओं का चुनावी हिंसा से कोई संबंध नहीं है।