बिहान बाजार प्रारंभ होगा चार मार्च से

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अब राज्य के स्वयं सहायता समूहों के द्वारा उत्पादित वस्तुओं का बाजार लगाने जा रहा है। समूहों के द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री बढ़ानें तथा लोगों में उसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह बाजार लगाया जा रहा है। बिहान बाजार खुशियां हजार के स्लोगन के साथ पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट में लगने वाले इस बाजार में राज्य के विभिन्न जिलों के सत्तईस समूहों के द्वारा उत्पादित वस्तुआंें का स्टॉल लगाया जाएगा।आगामी आठ मार्च तक चलने वाले इस बाजार में पूरे प्रदेश भर के लोग यहां खरीददारी करने पहुंचेगे।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि बिहान बाजार के इन स्टॉलों को बेहद खूबसूरत एवं पारंपरिक रूप देने विशेषज्ञों की टीम एवं स्व सहायता समूह लगातार काम कर रहे है। बिहान बाजार का आयोजन स्व सहायता समूह द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने एवं इनकी मार्केटिंग एवं नेटवर्किंग को स्थापित करने हेतु किया जा रहा है। आयोजन के दौरान समूहों में बाजार की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने तथा अवसर का आंकलन करने का गुण विकसित करने के लिए प्रति दिन विशेषज्ञों द्वारा कार्यशाला भी आयोजित की जायेगी। इनमें दिनांक 05 मार्च को लखनउ की संस्था ‘‘एक गांव’’ द्वारा कृषि उत्पाद एवं उसकी मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग पर, 06 मार्च को अहमदाबाद की ‘‘सेवा संस्था’’ द्वारा गैर कृषि उत्पादों को संयुक्त रूप से तैयार करने, 07 मार्च को जबलपुर की संस्था ‘ग्राम मुलीगे’’ द्वारा अकाष्ट वनोत्पाद पर स्व सहायता समूहों प्रशिक्षित किया जाएगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चंद्राकर ‘बिहान बाजार’ की तैयारियों के संदर्भ में निर्देशित किया है कि यहां आने वाले लोगों के लिए समूचित व्यवस्था होनी चाहिए,जिससे कि उन्हें हाट-बाजार में खरीददारी करने में किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े। श्री चन्द्रकार ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि नया रायपुर में भी इसी तरह का एक स्थान तय कर समूहों के उत्पादों के लिए मंच उपलब्ध कराया जाए। उन्हांेने ऐसे आयोजन प्रदेश के सभी जिलों में करने के भी निर्देश दिए। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री एम.के.राउत ने बताया कि बिहान बाजार का प्लेटफार्म, छत्तीसगढ़ के स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के लिये नवीन अवसरों की शुरूआत है। इससे उनका बड़े बाजार से जुड़ाव होगा एवं आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ायेगी।

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