कौशल विकास की महत्वपूर्ण भूमिका: कार्यशाला का आयोजन

रायपुर 20 फरवरी 2013/ छत्तीसगढ़ में वर्तमान और भावी उद्योगों में कुशल मानव संसाधन के आकलन हेतु आज यहां एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। राज्य शासन के तकनीकी शिक्षा और जनशक्ति नियोजन विभाग के सचिव श्रीमती निधि छिब्बर ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। श्रीमती छिब्बर ने कार्यशाला में कहा कि राज्य में नये-नये प्रोजेक्ट आ रहे हैं। सभी क्षेत्रों और सेक्टरों में राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर कुशल जनशक्ति की मांग बढ़ती जा रही है। इस मांग की पूर्ति कर लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में कौशल विकास की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। इसके लिए उद्योगों को भी आगे आने की जरूरत है। कार्यशाला का आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ के सहयोग से किया गया।

श्रीमती छिब्बर ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने उच्च शिक्षा, कृषि, मेडिकल एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से विकास किया है। राज्य के सभी जिलों में पाॅलीटेक्निक, नर्सिंग काॅलेज, कृषि महाविद्यालय और सभी विकासखंडों में आई.टी.आई. प्रारंभ किए जा रहे हैंे। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न संस्थान संचालित किए जा रहे हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ के युवा अपना कौशल उन्नयन कर सकते हैं। उन्नत शिक्षा और प्रौद्योगिकी का ज्ञान प्राप्त कर अपना सुनहरा भविष्य बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि उद्यानिकी, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में भी रोजगार और स्वरोजगार की असीम अवसर उपलब्ध है। इन क्षेत्रों में लोग कौशल विकास के तहत नयी तकनीकों का ज्ञान प्राप्त कर आत्म निर्भर बन सकते हैं।
श्रीमती छिब्बर ने कहा कि मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह के मार्गदर्शन में वर्ष 2022 तक राज्य के एक करोड़ 25 लाख लोगों को मांग आधारित सेक्टर में प्रमाणित कुशल कामगार तैयार करने का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य के पूर्ति के लिए सभी विभागों को जिलावार, केन्द्रवार, सेक्टरवार हितग्राहियों की संख्या के अनुसार कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है, ताकि अपेक्षा अनुसार कौशल विकास हेतु लोगों को चिन्हांकित किया जा सके। श्रीमती छिब्बर ने कहा कि राज्य में खनिज सम्पदा का विपुल भण्डार है। छत्तीसगढ़ में माईनिंग सेक्टर में भी कुशल कामगार तैयार किए जा सकते हैं। इसमंे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकता है। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला आने वाले सत्र के लिए योजना बनाने में कारगर सिद्ध होगी। कार्यशाला को मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संतोष कुमार मिश्रा ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कौशल विकास के लिए प्रभावी व्यवस्था की गयी है। इस वर्ष कौशल विकास के तहत लगभग पौने दो लाख लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इस दिशा में राज्य शासन आगे बढ़ रहा है। भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष श्री रमेश अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का संचालन मिशन के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुरेश त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर उद्योग परिसंघ अधिकारी सहित राज्य शासन के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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