मंद मन मृदंग
चलो तुम कुछ शुरुआत करो जहाँ तक बने कुछ बात करो बहुत हो चुकी जहां की बातें
Read moreचलो तुम कुछ शुरुआत करो जहाँ तक बने कुछ बात करो बहुत हो चुकी जहां की बातें
Read moreसांस… ये सांसो की नाज़ुक सी कड़ी ये सांसो की लम्बी सी लड़ी सहेजी जाए पिरोई नही जाए जाने कब
Read moreकुँए में थोड़ा पानी, मम्मी मेरी रानी पापा मेरे राजा दूध पिलाएँ ताज़ा सोने की खिड़की चांदी का दरवाजा उसमे
Read moreमाटी के कण-कण में क्रंदन, चन्दन जैसी धूल कहाँ है , मायूसी के इस मौसम में कहाँ हैं कलियाँ ,फूल
Read moreवो लकड़ियाँ कहाँ हैं? जिन्हे सकेला था बुखारी के लिए अब के ठंड में देती गरमाहट तुम्हारे सानिध्य सी बुखारी
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