दरअसल किसी भी देश में विदेशी मुद्रा भंडार के अधिक होने के चलते उस देश में विदेशी व्यापार करने का आत्मविश्वास जागता है क्योंकि अन्य देशों से किये गए व्यापार के एवज में विदेशी मुद्रा में भुगतान करने में कोई कठिनाई नहीं होती है। साथ ही, विदेशी निवेशकों में भी विश्वास जागता है कि जिस देश में वे निवेश कर रहे हैं उस देश की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत है और उनका उस देश में विदेशी मुद्रा में निवेश किया गया पैसा सुरक्षित है एवं उन्हें उनका निवेश वापिस मिलने में कोई परेशानी नहीं आएगी। विदेशी मुद्रा भंडार उच्च स्तर पर होने से कोई भी विदेशी संस्थान ऋण उपलब्ध कराने में नहीं हिचकता है, क्योंकि उसे भरोसा रहता है कि ऋण का पुनर्भुगतान होने में आसानी रहेगी। विदेशी मुद्रा भंडार के उच्च स्तर पर रहने से उस देश की मुद्रा की कीमत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरने से बचाया जा सकता है।
… badhaai va shubhakaamanaayen !!
बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !