स्कूलों में सर्वोत्तम सुरक्षा मानकों का पालन जरूरी

रायपुर, 18 सितम्बर 2017/ छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सभी जिला दण्डाधिकारियों से स्कूली बच्चों की प्रभावी सुरक्षा के लिए आयोग की अनुशंसा के आधार पर जिलों में की गई कार्रवाई के बारे में 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. एम. गीता ने इस सिलसिले में आज उन्हें परिपत्र जारी किया है। इसमें समस्त सरकारी और गैरसरकारी स्कूलों में सर्वोत्तम सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
परिपत्र में बताया गया है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अदालतों और केन्द्र तथा राज्य सरकारों द्वारा समय-समय पर आदेश जारी किए गए हैं। इन आदेशों और निर्देशों के पालन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा इस महीने की 12 तारीख को समस्त कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारियों को एक अनुशंसा पत्र भेजा गया था, जिसमें एक दल गठित करने का सुझाव दिया गया था और यह भी कहा गया था कि इस दल के द्वारा स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा से संबंधित उपायों का सत्यापन किया जाए।
आयोग ने अपने आज के परिपत्र में यह अनुशंसा की है कि हर जिले के सभी सरकारी और गैरसरकारी स्कूलों के प्राचार्यों और प्रधान अध्यापकों को इस विषय में बच्चों की सर्वोत्तम सुरक्षा के लिए और भी अधिक जागरूक किया जाए। इसके साथ ही वर्ष 2009 के शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई एक्ट), पॉक्सो एक्ट 2012, जे.जे. एक्ट 2015 और बाल श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) एक्ट 1986 पर भी संवेदीकरण किया जाए। परिपत्र में स्कूलों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के अभिलेखों का भी सत्यापन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही परिपत्र में ब्लू व्हेल चैलेंज गेम के प्रभावी रोकथाम के लिए समस्त आवश्यक उपायों पर ध्यान देने और बच्चों की पूर्ण सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों के व्यापक प्रचार-प्रसार के भी निर्देश जिला दण्डाधिकारियों को दिए गए हैं।