विधानसभा निर्वाचन के लिए राजनीतिक दलों को दी गई आदर्श आचार संहिता की जानकारी

रायपुर, 14 सितम्बर 2018/ विधानसभा निर्वाचन 2018 के लिए राजनीतिक दलों को भारत निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शी बिन्दुओं के अनुरूप आदर्श आचार संहिता की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू ने आज मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठक में यह जानकारी दी।

राजनीतिक दलों के उपस्थित सदस्यों को बताया गया कि आदर्श आचार संहिता के तीन पहलू है। पहला यह संहिता सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों पर लागू होगा। दूसरा सत्ता पक्ष के राजनीतिक पदाधिकारियों (मंत्री आदि) पर लागू होगा। तीसरा निर्वाचन कार्य से जुड़े प्रशासनिक अमले को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वे लोकसेवक के रूप में जनता के अभिमत को निष्पक्ष और अप्रभावित तरीके से अभिव्यक्त करने में सहायक हो। कोई भी दल अथवा प्रत्याशी ऐसा कोई कार्य अथवा व्यवहार नहीं करेगा, जिससे धार्मिक अथवा सामाजिक समरसता और सदभाव बिगड़े या तनाव बढ़े।

कोई भी दल अथवा प्रत्याशी मतयाचना करते समय धार्मिक, जातिगत अथवा किसी और संकीर्ण भावना का उपयोग नहीं करेगा। मतयाचना के लिए किसी धार्मिक स्थल या संस्थान का उपयोग नहीं किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति की निजता का पूरा सम्मान किया जाएगा। केवल मत भिन्नता के कारण किसी व्यक्ति के निवास पर कोई धरना या प्रदर्शन नहीं किया जाएगा।

कोई दल या प्रत्याशी स्वयं किसी की निजी संपत्ति – भवन, भूमि अथवा परिसर पर झण्डे, पोस्टर, बैनर आदि उसकी पूर्व अनुमति के बिना नहीं लगाएंगे और न ही अपने समर्थकों को ऐसा करने देंगे। इस प्रतिबंध में दीवार लेखन भी शामिल हैं। व्यक्ति की निजता के सम्मान में यह शामिल होगा कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच किसी प्रकार से मतयाचना नहीं करेंगे। इस प्रतिबंध में लाउडस्पीकर, घर-घर सम्पर्क, बल्क एसएमएस, वाइस मैसेज और कॉल शामिल है।

कोई दल अथवा प्रत्याशी किसी अन्य दल अथवा प्रत्याशी की आलोचना करने में उसकी नीतियों और योजनाओं तक सीमित रहेगा। किसी के निजी जिन्दगी पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी। किसी अन्य दल अथवा प्रत्याशी की आलोचना करते समय अपुष्ट आरोप नहीं लगाए जा सकते और न तथ्यों को विकृत करके प्रस्तुत किया जा सकता है।

राजनीतिक दल और प्रत्याशी जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 में अंकित सभी कदाचार से बचे रहे इसकी भी जानकारी बैठक में दी गई।  चुनावी सभा या जुलूस आयोजन के पूर्व स्थानीय पुलिस को सूचित करना आवश्यक है। यदि कोई प्रतिबंधात्मक कानून लागू है तो उसका पालन किया जाना अनिवार्य है।

प्रत्याशी और राजनीतिक दलों की यह जिम्मेदारी होगी कि उनकी सभाओं या जुलूस में कोई समर्थक ऐसी वस्तु लेकर न चले, जिनका उन्माद के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सके। मंत्री अपने सरकारी दौरों के साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों को नहीं जोड़ सकेंगे। विमानों और हेलीकॉप्टरों सहित सरकारी वाहनों का उपयोग चुनावी कार्यों के लिए नहीं किया जाएगा।

मंत्रीगण अपने विवेकाधीन कोष से किसी प्रकार का न ही अनुदान देंगे और न ही भुगतान करेंगे। किसी प्रकार का शिलान्यास अथवा उद््घाटन नहीं करेंगे। वे किसी प्रकार के निर्माण अथवा सुविधा आदि देने का आश्वासन भी नहीं देंगे। न तो शासन में और न ही किसी शासकीय कार्यक्रम में किसी प्रकार की नियुक्ति अथवा तदर्थ नियुक्ति करेंगे और न ही ऐसा करने का कोई आश्वासन देंगे।

बैठक में बताया गया कि भारत निर्वाचन आयोग से प्रेस विज्ञप्ति जारी होते ही आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होगी। राजनीतिक दलों के साथ हुई इस बैठक में बहुजन समाज पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन नेशनल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि पदाधिकारी सहित अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री यू.एस. अग्रवाल, सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री श्रीकांत वर्मा उपस्थित थे।