बिना धन के भारत भ्रमण कर रहे हैं अंश मिश्रा

लिफ़्ट लेकर कर रहे हैं घुमक्कड़ी

घुमक्कड़ी का वर्तमान में नया दौर चला है, लोग कम से कम खर्च में अधिक से अधिक दुनिया देखना चाहते हैं, जानना, समझना चाहते हैं। इस दौर में युवा घुमक्कड़ तैयार हो रहे हैं और उनके भीतर अपने देश को देखने, जानने एवं समझने का जुनून भी है। कुछ तो घुमक्कड़ी में विशेष कीर्तिमान स्थापित करने निकले हैं, इस कार्य में सोशल मीडिया विशेष सहायक हो रहा है।
अंश मिश्रा एवं प्रतीक गांधी “घुमक्कड़ी दिल से”

यदि मैं आपको यह बताऊं कि 28 वर्षीय एक कम्प्युटर इंजिनियर खाली जेब भारत घूमने निकला है तो आप चौंकिएगा नहीं, ऐसा ही कुछ इलाहाबाद के मूल निवासी अंश मिश्रा कर रहे हैं। कुछ विशिष्ट कर पाने के लिए जुनून की आवश्यकता होती है, जिसे लोग पागलपन भी कह देते हैं। जीवन में अगर कोई उपलब्धि प्राप्त करना है तो पागलपन की हद से भी आगे बढना पड़ता है और लोग क्या कहेंगे, इस सोच को भी तिलांजलि देनी पड़ती है।

अंश मिश्रा

अंश मिश्रा इलाहाबाद से मानवता एवं पारस्परिक सहयोग का संदेश लेकर 3 फ़रवरी से भ्रमण पर निकले हैं। ये अपनी यात्रा लिफ़्ट लेकर करते हैं और लिफ़्ट के सहारे ही आगे बढते हैं। किसी से कुछ मांगते नहीं है, न किसी को भोजन आदि के लिए कहते, अगर कोई समझकर भोजन करा देता है और अपने यहाँ रुकने के लिए जगह दे देता है तो रुक जाते हैं, उसके बाद आगे का सफ़र शुरु करते हैं। इस तरह वे पूरा भारत देखना चाहते हैं।

अंश मिश्रा

फ़ेसबुक के ग्रुप “घुमक्कड़ी दिल से” सदस्य होने के साथ वाट्सएप आदि सोशल साईट के माध्यम से लोग इनके साथ जुड़े हुए हैं, वे आवश्यकता पड़ने पर इन्हें सहायता उपलब्ध करवाते हैं तथा सम्पर्क होने पर इन्हें होस्ट भी करते हैं। ये सड़क के रास्ते ट्रकों, कारों, मोटरसायकिल सवारों से लिफ़्ट लेते हैं, अगर लिफ़्ट नहीं मिलती तो पैदल ही चल पड़ते हैं।

अंश मिश्रा

तीन फ़रवरी भ्रमण पर निकले अंश मिश्रा ने अभी तक बिना धन के 5400 किमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात एवं दमन दीव का भ्रमण कर महाराष्ट्र के लोनावाला में हैं। यहाँ से पूना, कोल्हापुर, गोवा, हुबली, बैंगलोर, मैसूर, ऊटी, कोडाइकनाल, मुन्नार, कोचीन होते हुए कन्याकुमारी तक जाएंगे।

दो घुमक्कड़ प्रतीक गांधी मुंबई एवं अंश मिश्रा

देखिये अपने आस पास, शहर नगर के मार्ग पर लिफ़्ट मांगते हुए अंश मिश्रा मिल जाएँ एवं इनसे मुलाकात हो जाए तो लिफ़्ट देने में हिचकिचाईएगा नहीं, लिफ़्ट देकर इस युवा का उत्साहवर्धन कीजिएगा। इनका भारत में पचास हजार किमी भ्रमण करने का संकल्प है।
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आलेख ललित शर्मा
जानकारी-घुमक्कड़ी दिल से (फ़ेसबुक ग्रुप)

7 thoughts on “बिना धन के भारत भ्रमण कर रहे हैं अंश मिश्रा

  • April 14, 2017 at 07:57
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    सचमुच ललित जी इस युवा घुमक्कड़ का जोश और लगन काबिले तारीफ़ है । ये सही मायने में “घुमक्कड़ी” में लगा हुआ है “दिल से” । आशा है आपका आशीर्वाद और ग्रुप का साथ पाकर ये शीघ्र ही और नए नए कीर्तिमान स्थापित करेगा ।
    जय सिया राम

  • April 14, 2017 at 08:24
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    अंश जी ने घुमक्कड़ी की दुनिया मे इतिहास रच दिया है। आपको होस्ट कर हमें गर्व होगा।

  • April 14, 2017 at 09:55
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    ऐसे मुसाफिर व ऐसी घुमक्कडी को सलाम है। क्या यह (अंश मिश्र) कोई खास मैसेज देने के लिए भारत भ्रमण पर निकले है? या फिर अपनी घुमक्कडी को नया आयाम दे रहे है? लेकिन जो भी हो इनका हौसला काबिले तारिफ है।

    • April 14, 2017 at 10:07
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      सामाजिक समरसता, मित्वययिता, पर्यावरण रक्षण के साथ पर्यटन इत्यादि विषयों पर केन्द्रित है, इनका भ्रमण।

  • April 14, 2017 at 11:13
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    बहुत ही साहसिक एवम हिम्मत का काम है । सलाम है इनके जज्बे को ।???

  • April 15, 2017 at 02:16
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    बहुत बढ़िया पोस्ट ….. अंश मिश्रा जी को दिल से शुभकामनाये इस हिम्मत वाले कार्य के लिए

    धन्यवाद ललित जी… इस शानदार पोस्ट के लिए…

    #दिल से

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