छत्तीसगढ़ के प्रयास विद्यालय बनेंगे देश के लिए मॉडल: डॉ. रमन सिंह

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों और नक्सल हिंसा पीड़ित जिलों के बच्चों की शिक्षा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की प्रयास आवासीय विद्यालय परियोजना पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल साबित होगी। मुख्यमंत्री आज शाम राजधानी रायपुर के नजदीक सड्डू में लगभग 18 एकड़ में निर्माणाधीन एजुकेशन सिटी में लगभग 40 करोड़ रुपए के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।

डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य के ऐसे दूर-दराज के पिछड़े इलाकों के प्रवास और वहां रात्रि विश्राम के दौरान स्थानीय लोगों से जब मैंने बच्चों की शिक्षा के बारे में पूछा तो उन्होंने सुविधाओं की अभाव बताया था। इसे ध्यान में रखकर मैंने मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना के तहत प्रयास विद्यालयों की शुरूआत करवाई। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में इन विद्यालयों में नियमित और निःशुल्क पढ़ाई तथा कोचिंग सुविधा के फलस्वरूप लगभग सात सौ बच्चों ने देश के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थानों आई.आई.टी., एन.आई.टी. इंजीनियरिंग कॉलेजों और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लिया है।
डॉ. सिंह ने कहा-हम सबका यह सपना है कि प्रयास विद्यालयों के बच्चे अपनी मेहनत और प्रतिभा से देश और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचे, अच्छे नागरिक बनें और सरकारी अधिकारी बनकर भी राष्ट्र की सेवा करें। समारोह की अध्यक्षता लोकसभा सांसद श्री रमेश बैस ने की। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री देवजी भाई पटेल, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा और श्री नवीन मार्कण्डेय, छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री निर्मल सिन्हा और अम्बिकापुर नगर निगम के पूर्व महापौर श्री प्रबोध मिंज विशेष अतिथि के रुप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जो असफलता से सबक लेकर आत्मविश्वास के साथ मोर्च पर डटा रहता है, वो भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसा महान बनता है। उन्होंने बच्चों को मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करने की नसीहत दी। डॉ. सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम और संविधान शिल्पी डॉ. भीमराव अम्बेडकर का उदाहरण दिया। मुख्यमंत्री ने आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारां संचालित प्रयास विद्यालयों के बच्चों के शानदार प्रदर्शन की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी पांच संभागीय मुख्यालयों में इन विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। कांकेर में प्रयास विद्यालयों के लिए फीडर स्कूल चल रहा था। उसका भी उन्नयन करते हुए इस वर्ष कोरबा और जशपुर में भी प्रयास विद्यालय शुरू किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अब प्रयास विद्यालयों में 11वीं और 12वीं के बच्चों को प्रवेश दिया जाता था, लेकिन अब कक्षा 9वीं से भी उन्हें दाखिला मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी इलाके में 500 बच्चों के साथ मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना के तहत इस परियोजना की शुरूआत की गई थी। आज प्रदेश के सभी पांच संभागों में चल रहे प्रयास विद्यालयों में बच्चों की संख्या साढ़े तीन हजार से ज्यादा हो गई है। उन्होंने राजधानी रायपुर के सड्डू में बन रही एजुकेशन सिटी में 9वीं-10वीं के बच्चों के लिए फाउंडेशन प्रयास विद्यालय का भी शुभारंभ किया। डॉ. सिंह ने वहां 20 करोड़ रूपए की लागत से प्रयास विद्यालय के लिए बनने वाले 500 सीटों के भवन का भूमिपूजन और शिलान्यास किया। इसे मिलाकर उन्होंने वहां पर 40 करोड़ रूपए के निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री ने विद्यालय के बच्चों से मुलाकात की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री रमेश बैस ने कहा कि छत्तीसगढ़़़ के पीडीएस मॉडल की तरह ही प्रयास विद्यालय पूरे देश में एक मॉडल के रूप में जाना जाएगा। आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग की विशेष सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रयास विद्यालयों में कोचिंग के बाद विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होकर आईआईटी और अन्य शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई कर रहे बच्चों के बारे में बताया। कलेक्टर रायपुर श्री ओ.पी. चौधरी ने सड्डू में विकसित की जा रही एजुकेशन सिटी के बारे में जानकारी दी। श्री चौधरी ने बताया कि इसका निर्माण जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) और आदिम जाति विकास विभाग की राशि से किया जा रहा है। इसमें से 20 करोड़ की लागत से बनने वाले 500 सीटर भवन का भूमिपूजन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा किया गया है। इसके अलावा इस एजुकेशन सिटी मंे 400 सीटर छात्रावास भवन का निर्माण भी पूर्ण हो गया है। कैम्पस में छह करोड़ 14 लाख रूपए की लागत से 300 सीटर पोस्ट मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास और एक करोड़ 74 लाख रूपए की लागत से 50 सीटर पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास तथा एक करोड़ 05 लाख रूपए की लागत से अल्प संख्यक बालिकाओं के लिए 50 सीटर छात्रावास का निर्माण किया जा रहा है। परिसर में एक हजार सीटों का ऑडिटोरियम भी बनवाया जा रहा है।

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