पुलिस मुख्यालय में साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन पर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

रायपुर, 5 दिसंबर 2018/ राज्य के पुलिस अधिकारियों को साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन विषय पर जागरूकता बढ़ाने एवं इन्वेस्टिगेशन में तकनीकी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए पुलिस मुख्यालय की तकनीकी शाखा और साइबर पीस फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वाधान में पिछले दिनों 03 दिसंबर 2018 को कार्यशाला का आयोजन पुलिस मुख्यालय, अटल नगर रायपुर में किया गया।

कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए विशेष पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं) श्री आर. के. विज ने कहा कि वर्तमान के बदलते परिवेश के साथ कानून में परिवर्तन प्रक्रिया केन्द्र सरकार द्वारा की जा रही है। जिसके तहत राज्य पुलिस को भी अपने कार्य प्रणाली में बदलाव करना होगा।

साइबर क्राइम का दायरा बहुत व्यापक है ऐसे में साक्ष्य के रूप में डाटा अलग-अलग देशों के सर्वर में स्टोर रहता है। ऐसी स्थिति में जानकारी प्राप्त करने के लिए पुलिस अधिकारियों को अपनी कौशल विकास करना होगा और इस प्रकार के अपराध की विवेचना बिना तकनीकी इस्तेमाल किये संभव नही है।

उन्होंने कहा कि स्पूफिंग, फिशिंग, हैंकिंग, सोशल मीडिया, ऑनलाइन फ्राड एवं पोर्नोग्राफी आदि गंभीर अपराध राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज किये जा रहे हैं, जिसकी जांच एवं कार्यवाही हेतु पुलिस अधिकारी का तकनीकी दक्ष बनाने के लिए साइबर अपराध एवं उसकी विवेचना के महत्वपूर्ण बिन्दुओं के संबंध में विस्तार से जानकारी होना आवश्यक है। 

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (गुप्तवार्ता) श्री अशोक जुनेजा ने पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर अपराध का प्रभाव समाज में महिलाओं एवं बच्चों पर ज्यादा पड़ता है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी साइबर, बुलिंग साइबर, स्टाकिंग, सेक्सुअल एव्युज, साइबर ब्लैकमेलिंग जैसे नये अपराध महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध किये जा रहे हैं, अतः इन अपराधों के विरूद्ध कार्यवाही संवेदनापूर्ण की जानी चाहिये।

बढ़ते साइबर अपराध का मुख्य कारण आम जनता को तकनीकी के प्रयोग के संबंध में पूर्ण जानकारी एवं जागरूकता का अभाव है, अतः विवेचक अथवा थाना प्रभारी को अपने थाना क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।

साइबर पीस फाउण्डेशन के साइबर एक्सपर्ट श्री विनीत कुमार, श्री नीतीश चंदन सुश्री रूकमनी सिन्हा द्वारा पुलिस अधिकारियों को विवेचना में आनी वाली दिक्कतों एवं भारत के बाहर विवेचना की कानूनी प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए विवेचक के शंकाओं का समाधान किया गया।

कार्यशाला में सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्री बालाजी राव,, श्री धर्मेन्द्र गर्ग, श्रीमती मनीषा ठाकुर, श्रीमती दीपमाला कश्यप सहित राज्य के सभी जिलों से आये 70 पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।