जनदर्शन : पटवारियों के मुख्यालय में नहीं रहने की शिकायत को मुख्यमंत्री ने संज्ञान में लिया

रायपुर, 11 सितम्बर 2014/ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा वर्ष 2004 के फिजियोथैरेपी पाठ्यक्रम की परीक्षा लेने में विलम्ब की शिकायतों को गंभीरता से लिया है। डॉ. सिंह ने जशपुर जिले में बगीचा तहसील के कुछ हल्कों में पटवारियों के मुख्यालय में नहीं रहने की शिकायत को भी तत्काल संज्ञान में लिया है। मुख्यमंत्री ने आज सवेरे राजधानी रायपुर में अपने निवास परिसर में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में पटवारियों के बारे में प्राप्त शिकायत पर जशपुर कलेक्टर को तत्काल जांच के निर्देश दिए। डॉ. रमन सिंह के आज के जनदर्शन में भी राजधानी रायपुर सहित राज्य के दूर-दराज के इलाकों से लोगों के आने का सिलसिला देर तक चलता रहा। उनसे मिलने जनसैलाब लगातार उमड़ता रहा।
chhattisgarh
इस दौरान परीक्षा आयोजन में विलम्ब के बारे में फिजियोथैरेपी छात्रा के आवेदन को भी मुख्यमंत्री ने तत्काल संज्ञान में लिया। उन्होंने छात्रा के आवेदन पर पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति को परीक्षा से संबंधित समस्या के त्वरित निराकरण के निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री को इस विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त अम्बिकापुर के एक निजी फिजियोथैरेपी कॉलेज की एक छात्रा ने आवेदन देकर बताया कि फिजियोथैरेपी के साढ़े चार साल के पाठ्यक्रम की वार्षिक परीक्षा और पूरक परीक्षा हर साल होनी चाहिए, लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा इसमें काफी विलम्ब किया जा रहा है। पिछले साल 2013 के अक्टूबर में एक परीक्षा हुई, लेकिन इसके बाद अब तक इस पाठ्यक्रम की परीक्षा आयोजित नहीं की गई है। छात्रा का कहना था कि उसने इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर हर साल 42 हजार 600 रूपए का निर्धारित शुल्क चार साल तक नियमित रूप से जमा किया है। इसके बावजूद परीक्षा नहीं ली जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस छात्रा को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
cm_ chhattisgarh
जनदर्शन में आज भी प्रदेश के विभिन्न जिलों के लोगों का तांता लगा रहा। कोरबा जिले के बजरंग चौक बुधवारी स्थित जय माता दी महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने दोना पत्तल, अगरबत्ती और मोमबत्ती बनाने के कुटीर उद्योग के संचालन के लिए आर्थिक सहायता देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने उनका आवेदन त्वरित कार्रवाई के लिए कलेक्टर कोरबा को भिजवाया। नेट और सेट परीक्षा उत्तीर्ण निजी कॉलेजों के कुछ सहायक प्राध्यापकों ने मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापकों के 966 पदों के लिए आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षा में आयु सीमा में छूट दिलाने का आग्रह किया। इन सहायक प्राध्यापकों का कहना था कि यह भर्ती परीक्षा वर्ष 2009 के बाद दूसरी बार होने वाली है, लेकिन इसके नियमों में आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित की गई है। इससे नेट, सेट परीक्षा उत्तीर्ण और पी-एच.डी. धारक उन सहायक प्राध्यापकों को आयु सीमा में छूट का लाभ नहीं मिल रहा है, जो विभिन्न निजी कॉलेजों में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया कि उन्हें भी इस परीक्षा में शिक्षाकर्मियों और पंचायत कर्मियों की तरह आयु सीमा मंे पांच वर्ष की छूट का लाभ दिया जाए और आयु सीमा 45 वर्ष रखी जाए। मुख्यमंत्री ने उनके ज्ञापन पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को त्वरित निराकरण के निर्देश जारी किए।
 cm_ chhattisgarh_11_9_14
जनदर्शन में महासमुंद जिले के विकासखंड महासमुंद स्थित ग्राम पंचायत अछरीडीह के लोगों ने मुख्यमंत्री से मिलकर इस ग्राम पंचायत के आश्रित गांव नयापारा को अलग से राजस्व ग्राम का दर्जा दिलाने  का आग्रह किया। ग्रामीणों का कहना था कि ग्राम पंचायत अछरीडीह की जनसंख्या 1097 और उसके आश्रित ग्राम नयापारा की जनसंख्या 1300 है, लेकिन शासकीय अभिलेखों में नयापारा को राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं मिला है। डॉ. सिंह ने ग्रामीणों का ज्ञापन कलेक्टर महासमुंद को आवश्यक कार्रवाई के लिए भिजवाया। रायगढ़ जिले के लैलूंगा क्षेत्र के प्रतिनिधि मंडल ने जनदर्शन में मुख्यमंत्री से उस क्षेत्र के आश्रम स्कूलों और छात्रावासों में तीन वर्ष से सात वर्ष तक चौकीदार, रसोइया, जलवाहक आदि के पदों पर काम कर चुके कुछ दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को पुनः सेवा में लेने का आग्रह किया। डॉ. सिंह ने उनका ज्ञापन कलेक्टर रायगढ़ को भेजकर निराकरण के निर्देश दिए।
 डॉ. रमन सिंह ने आज के जनदर्शन में भी चिकित्सा सहायता के अनेक आवेदनों पर अपनी स्वीकृति तुरंत प्रदान कर दी। जनदर्शन में राज्य के विभिन्न जिलों से विभिन्न संस्थाओं और संगठनों के प्रतिनिधि मंडलों ने अलग-अलग समस्याओं और जरूरतों के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।  जशपुर जिले के बगीचा तहसील के प्रतिनिधि मंडल ने उन्हें बताया कि तहसील के कई हल्कों में पटवारी अपने मुख्यालयों में नहीं रहते। मुख्यमंत्री ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया। उन्होंने प्रतिनिधि मंडल के ज्ञापन पर जशपुर के कलेक्टर को शिकायत की जांच करने के निर्देश दिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *