छत्तीसगढ़ में बहुत मजबूत है सहकारिता आन्दोलन:डॉ. रमन सिंह


रायपुर, 02 फरवरी 2013/मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में सहकारिता आन्दोलन की जडें़ बहुत मजबूत हैं। हमारे यहां इसका एक गौरवशाली इतिहास रहा है। रायपुर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा अपनी विकास यात्रा के एक सौ वर्ष पूर्ण करना इसका एक प्रमुख उदाहरण है। डॉ. सिंह आज दोपहर यहां जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रायपुर की शताब्दी वर्ष के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सहकारिता आन्दोलन छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रहा है। हमारे किसानों के जीवन में सहकारिता से ही समृद्धि और खुशहाली आ रही है। संपूर्ण देश में केवल छत्तीसगढ़ अकेला राज्य है जो समर्थन मूल्य नीति के तहत किसानों से सीधे स्वयं के संसाधनों के जरिए धान खरीदी कर रहा है। इस अवसर पर बैंक के अधिकारी-कर्मचारी संघ द्वारा मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया गया। डॉ. रमन सिंह ने सराहनीय सेवाओं के लिए बैंक के अनेक अधिकारियों और कर्मचारियों को बैंक प्रबंधन की ओर से सम्मानित किया। मुख्य अतिथि की आसंदी से डाॅ. रमन सिंह ने समारोह में कहा कि उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से सहकारी समितियों के जरिए किसानों से सीधे धान खरीदी का बहुत बड़ा कार्य सफलता पूर्वक संपन्न हो रहा है। सहकारिता के जरिए किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यहां किसानों को खुले बाजार में अपनी उपज अपेक्षाकृत कम दाम पर बेचने की कोई मजबूरी नहीं है। मुख्यमंत्री ने शताब्दी वर्ष पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रायपुर के अधिकारियो और कर्मचारियों के लिए दो विशेष वेतनवृद्धि और दो दशकों से कार्यरत अस्थायी सफाई कर्मचारियों के नियमितीकरण करने का ऐलान भी किया। डॉ. सिंह ने विशिष्ट उपलब्धियों के लिए सहकारी बैंक के अनेक अधिकारियों और कर्मचारियों का सम्मान भी किया। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल और छत्तीसगढ़ भण्डार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज भी इस अवसर पर उपस्थित थे। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक अधिकारी संघ ने मुख्यमंत्री का विशाल पुष्पमाला से अभिंनदन किया।
मुख्य अतिथि की आसंदी से मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने जिला सहकारी बैंक रायपुर की स्थापना के एक सौ वर्ष पूर्ण होने पर यहां के संचालक मण्डल सहित अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था के लिए एक सौ वर्ष पूर्ण करना अपने आप में गौरवशाली और यादगार क्षण होता है। उन्होंने बैंक के संस्थापक स्वर्गीय वामन बलिराम लाखे को याद करते हुए कहा कि उन्होंने बहुत ही छोटे रूप में सन 1913 में इस बैंक की नीव डाली थी। यह बैंक आज विशाल वटवृक्ष का रूप लेकर लाखों किसानों के जीवन में खुशहाली ला रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सहकारिता की भावना के अनुरूप किसानों की लागत मूल्य कम करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि किसानों को सहकारी बैंको के जरिए अल्पकालीन ऋण चैदह प्रतिशत से क्रमशः कम करते हुए आज मात्र एक प्रतिशत ब्याज पर दे रही है। इसी का नतीजा है कि सहकारी बैंक से ऋण लेने वालों की संख्या बढ़ी है। ऋण सीमा 250 करोड़ रुपए से बढ़कर दो हजार करोड़ रुपए वार्षिक तक पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान प्रयोगधर्मी हैं। अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए वे विभिन्न प्रकार के नये-नये उद्यम करते रहते हैं। परम्परागत धान के अलावा अब किसानों का रूझान नगद फसलों की ओर बढ़ा है। प्रदेश में अब बड़ी मात्रा में मक्का, गन्ना और उद्यानिकी तथा साग-सब्जी फसलों का उत्पादन बढ़ा है। विद्युत ऊर्जा का उपयोग करके किसान नदियों के किनारे भी अनेक फसल उगा रहे हैं। इन सबसे छत्तीसगढ़ के किसानों की माली हालत सुधरी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों को सहकारी बैंको के जरिए डेयरी फार्म और मछलीपालन के लिए भी एक लाख रुपए तक का ऋण एक प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर और तीन लाख रुपए तक का ऋण तीन प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर दिया जाता है।
मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत हितग्राहियों के खाते में सीधे कैश ट्रांसफर करने की योजना को छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों के लिए अव्यवहारिक बताया। डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का एक प्रमुख धान उत्पादक राज्य है। किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में यहां आपसी सम्बंध स्थापित है। इससे परस्पर एक चक्रीय व्यवस्था बनती है। यदि राशन सामग्रियों के बदले हितग्राहियों को नगद सहायता दिया जाए, तो यह व्यवस्था धराशायी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कैश ट्रांसफर योजना के खिलाफ छत्तीसगढ़ की जनता भी खड़ी है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सहकारी बैंक की ओर से तीन महिला स्व-सहायता समूहों को स्वरोजगार के लिए ऋण भी वितरित किए।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियों में बड़ी ताकत है। उन्होंने अपने समर्पण और लगन की भावना से किसानों का एक-एक दाना धान समर्थन मूल्य पर खरीदी कर कीर्तिमान रचा है। श्री अग्रवाल ने शताब्दी वर्ष पर बैंक प्रबंधन से आग्रह किया कि वे ग्रामीण किसानों के बच्चों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के लिए ऋण प्रदान करें। छत्तीसगढ़ भण्डार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने सहकारिता के विकास में बैंक के संस्थापक श्री वामन राव लाखे के योगदान का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सहकारिता परस्पर सहयोग से आर्थिक उन्नति का बेहतर माध्यम है। छत्तीसगढ़ की सहकारिता सर्वाधिक विश्वसनीय है, जिसके कारण साठ लाख मीटरिक टन से अधिक धान खरीदी किए है। जिला सहकारी बैंक रायपुर के अध्यक्ष श्री योगेश चंद्राकर ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर बड़ी बैंक के अंतर्गत शामिल जिलों- रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, धमतरी, महासमुंद और गरियाबंद के प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के सदस्य और पदाधिकारी उपस्थित थे।

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