छत्तीसगढ़ के जनसम्पर्क विभाग की झांकी को राष्ट्रीय पुरस्कार

 

रायपुर, 01 फरवरी 2013/ केन्द्र सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ आज एक बार फिर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुआ। रक्षा मंत्री श्री ए.के.एंटनी ने छत्तीसगढ़ सरकार के जनसम्पर्क विभाग की झांकी को गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय समारोह में राजपथ पर किए गए श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए आज नई दिल्ली के राष्ट्रीय रंग शाला शिविर में आयोजित समारोह में तीसरे पुरस्कार से नवाजा। नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सरकार की आवासीय आयुक्त श्रीमती बी.व्ही.उमादेवी ने रक्षा मंत्री श्री एंटनी के हाथों राज्य सरकार के लिए यह पुरस्कार ग्रहण किया। जनसम्पर्क विभाग द्वारा इस वर्ष 26 जनवरी को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय समारोह के दौरान राज्य के महासमुंद जिले में महानदी के किनारे स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल सिरपुर के वैभव पर केन्द्रित झांकी का प्रदर्शन किया गया था। रक्षा मंत्री श्री एंटनी ने तृतीय पुरस्कार के लिए चयनित इस झांकी को पुरस्कृत करते हुए इस उपलब्धि के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह सहित उनकी सरकार के जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। राज्यपाल श्री शेखर दत्त, मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह और मुख्य सचिव श्री सुनिल कुमार ने भी आज झांकी को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर प्रदेशवासियों सहित जनसम्पर्क विभाग के प्रमुख सचिव श्री एन. बैजेन्द्र कुमार, संचालक श्री सोनमणि बोरा और विभाग के सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को बधाई दी है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार के जनसम्पर्क विभाग को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय समारोहों में विगत कुछ वर्षों में कई बार झांकियों के प्रदर्शन का अवसर मिला है। वर्ष 2006 के राष्ट्रीय समारोह में राज्य के आभूषणों पर केन्द्रित झांकी को पहला पुरस्कार और वर्ष 2010 में कोटमसर की गुफाओं पर केन्द्रित झांकी को तीसरा पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। पिछले वर्ष 2012 में सरगुजा अंचल के भित्ती चित्रकला पर केन्द्रित झांकी का प्रदर्शन भी वहां किया गया था। इस वर्ष भी जनसम्पर्क विभाग द्वारा कठिन परिश्रम से यह झांकी तैयार की गयी थी। इस बार की झांकी को सिरपुर पर केन्द्रित करने की अवधारणा जनसम्पर्क विभाग के प्रमुख सचिव श्री एन. बैजेन्द्र कुमार द्वारा दी गयी थी। उनके नेतृत्व और संचालक जनसम्पर्क श्री सोनमणि बोरा के मार्गदर्शन में झांकी तैयार की गयी। इसे बनाने में चार महीने का समय और परिश्रम लगा। रक्षा मंत्रालय के विशेषज्ञों की समिति ने कठिन चयन प्रक्रिया के जरिए राष्ट्रीय समारोह में प्रदर्शन के लिए छत्तीसगढ़ की इस झांकी का चयन किया। गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ में राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी, गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि भूटान नरेष श्री जिगमे खेसर नामग्येल वांगचुक, भारत के उप राष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह सहित अनेक विशिष्टजनों तथा देश-विदेश के लाखों लोगों ने इस झांकी की बनावट, सजावट सहित उसमें झलकते सिरपुर के गौरवशाली अतीत और वहां की तत्कालीन वास्तुकला को देखा और सराहा।
इस बार के गणतंत्र दिवस में विगत 26 जनवरी को नई दिल्ली के राजपथ पर राष्ट्रीय समारोह में जिन राज्यों की झांकियों का प्रदर्शन हुआ, उनमें से आज केरल की झांकी को पहला और राजस्थान की झांकी को दूसरा स्थान दिया गया है। छत्तीसगढ़ की झांकी में महानदी के किनारे इतिहास में बौद्ध, जैन, शैव और वैष्णव मतों के प्रमुख सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध सिरपुर के पुरातात्विक वैभव को प्रदर्शित किया गया था, जिसे देश-विदेश के लाखों दर्शकों ने चकित होकर देखा और उसकी जमकर प्रशंसा की। झांकी तैयार करने के लिए जनसम्पर्क विभाग द्वारा सिरपुर के इतिहास और पुरातत्व के बारे में प्रसिद्ध इतिहासकार और राज्य शासन के पुरातत्व सलाहकार श्री अरूण कुमार शर्मा से विशेष रूप से परामर्श लिया गया। सिरपुर इतिहास में दक्षिण कोशल की राजधानी ‘श्रीपुर’ के नाम से भी प्रसिद्ध है। इतिहासकारों के अनुसार प्रसिद्ध चीनी यात्री व्हेनसांग भी अपनी भारत यात्रा के दौरान 639 ईस्वी में सिरपुर आए थे। उन्होंने अपने यात्रा वृत्तांत में सिरपुर को धार्मिक सहिष्णुता और विहारों तथा मंदिरों का शहर बताया। वहां का लक्ष्मण मंदिर इतिहासकारों के अनुसार लगभग डेढ़ हजार साल पुराना है। सिरपुर में सैकड़ो वर्षो तक बौद्ध, जैन, वैष्णव और शैव धर्म के मतावलंबी आपसी सौहार्द्र और समन्वय के साथ अपने अपने धर्म की उपासना करते रहे। यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा सिरपुर को राष्ट्रीय मानचित्र पर पहचान दिलाने के लिए इस वर्ष से वहां राष्ट्रीय संगीत एवं नृत्य समारोह की भी शुरूआत की गयी है। पहला तीन दिवसीय समारोह वहां पिछले महीने की चार तारीख से छह तारीख तक आयोजित किया गया। इस समारोह का शुभारंभ मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने और समापन राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने किया था। समारोह में नई स्थित श्री लंका सरकार के उच्चायुक्त श्री प्रसाद करियावासम भी विशेष रूप से शामिल हुए थे।

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