केन्द्र से छत्तीसगढ़ को एक बार फिर राष्ट्रीय पुरस्कार

रायपुर, 29 जनवरी 2013/ केन्द्र सरकार ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। इस बार यह पुरस्कार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत राज्य के उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले को दिया जाएगा। यह जिला केन्द्र सरकार द्वारा चयनित भारत के उन सात जिलों में से है, जिन्हें पिछले वित्तीय वर्ष 2011-12 मंे मनरेगा के सर्वश्रेष्ठ क्रियान्वयन के लिए इस वर्ष पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गया है।

इतना ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की ग्राम पंचायत गातापार (विकासखंड छुईखदान) को भी इस अवधि में मनरेगा के सर्वश्रेष्ठ क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा केन्द्र सरकार द्वारा की गयी है। यह ग्राम पंचायत देश की ग्यारह ग्राम पंचायतों में से है, जिन्हें यह पुरस्कार दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने मनरेगा में इस उपलब्धि के लिए उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले की जनता, वहां की जिला पंचायत और सभी ग्राम पंचायतों सहित जिला प्रशासन को तथा ग्राम पंचायत गातापार (जिला राजनांदगांव) की जनता को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। डा. रमन सिंह ने कहा है कि इन पुरस्कारों के लिए चयन से यह साबित हो जाता है कि राष्ट्रीय योजनाओं में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ है। जनता की मेहनत और शासन-प्रशासन की बेहतर कार्य संस्कृति से ही प्रदेश को यह गौरव प्राप्त हो रहा है।
पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री हेमचन्द यादव ने भी इन उपलब्धियों के लिए कांकेर जिले के साथ-साथ ग्राम पंचायत गातापार की जनता और वहां के पंचायत प्रतिनिधियों को बधाई दी है। मनरेगा के स्थापना दिवस पर दो फरवरी को नई दिल्ली में उत्तर बस्तर (कांकेर) जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री भीम सिंह और ग्राम पंचायत गातापार के सरपंच श्री मनमोहन वर्मा, प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह के हाथों अपने जिले और अपनी ग्राम पंचायत के लिए यह पुरस्कार ग्रहण करेंगे।
पुरस्कारों के बारे में आज यहां नई दिल्ली से केन्द्र सरकार द्वारा नया रायपुर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग को जानकारी दी गयी। अपर मुख्य सचिव (पंचायत एवं ग्रामीण विकास) श्री विवेक ढांड ने आज दोपहर बताया कि प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह आगामी दो फरवरी को नई दिल्ली में आयोजित मनरेगा के स्थापना दिवस समारोह में उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले के साथ-साथ ग्राम पंचायत गातापार को यह पुरस्कार प्रदान करेंगे। उल्लेखनीय है कि इसके पहले पिछले वर्ष भी दो फरवरी को मनरेगा स्थापना दिवस पर छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले को मनरेगा के श्रेष्ठ क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। इस वर्ष उत्तर बस्तर (कांकेर) और ग्राम पंचायत गातापार (जिला राजनंादगांव) को पुरस्कृत करने का निर्णय पिछले वित्तीय वर्ष 2011-12 के कार्यों के आधार पर लिया गया है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर आन्ध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, मेघालय, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ के एक-एक तथा तमिलनाडु दो जिलों का चयन हुआ है।
श्री ढांड ने बताया कि मनरेगा में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक ऐसे जरूरतमंद परिवार के वयस्क सदस्य को, जो अकुशल श्रमिक के रूप में काम करने का इच्छुक हो, उसे एक वित्तीय वर्ष में कम से कम एक सौ दिनों का रोजगार देने का प्रावधान है। छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले में पिछले वित्तीय वर्ष 2011-12 में इस योजना के तहत 153 प्रतिशत राशि खर्च कर ग्रामीणों को 145 प्रतिशत मानव दिवस का रोजगार दिलाया गया। योजना के तहत जिले में 101 करोड़ रूपए के रोजगार मूलक कार्य कराए गए, जिनमें बाइस हजार 351 परिवारों को सौ दिनों का रोजगार मिला। योजना के तहत राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार का औसत 42 मानव दिवस है, जबकि छत्तीसगढ़ में 45 मानव दिवस है। इतना ही नहीं बल् िकांकेर जिले में योजना के तहत प्रत्येक परिवार को औसतन 58 मानव दिवस का रोजगार दिलाया गया, जो राज्य में सर्वाधिक है। इस अवधि में योजना के तहत उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले में रोजगार प्राप्त करने वालों में महिलाओं का प्रतिशत 48.91 रहा। योजना के तहत भूमि समतलीकरण, कूप निर्माण, तालाब और डबरी निर्माण जैसे कार्यों में पुरूषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा रोजगार हासिल किया।
यह भी बताया गया कि पुरस्कार के लिए चयनित कांकेर जिले में मनरेगा के तहत एक हजार 707 वन अधिकार मान्यता पत्र धारक हितग्राहियों के खेतों में भूमि समतलीकरण का कार्य कराया गया और दो हजार 020 वन अधिकार मान्यता पत्र धारक परिवारों को इंदिरा आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए भी सहायता दी गयी। इन सभी वन अधिकार मान्यता पत्र धारक हितग्राहियों के लिए भूमि समतलीकरण, डबरी, कुंआ निर्माण, तालाब निर्माण आदि से संबंधित कार्यों के लिए योजना के तहत लगभग पांच करोड़ 24 लाख रूपए मंजूर किए गए। इसके अलावा मनरेगा में 15 दिन से ज्यादा काम करने वाले श्रमिकों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्मार्ट कार्ड जारी करने के मामले में भी उत्तर बस्तर (कांकेर) जिला वित्तीय वर्ष 2011-12 में पहले नम्बर पर रहा। राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित ग्राम पंचायत गातापार (जिला राजनांदगांव) विकासखंड छुईखदान में मनरेगा के तहत वर्ष 2011-12 में कुल पंजीकृत 640 परिवारों में से 637 परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
यह भी उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ को केन्द्र सरकार ने वर्ष 2011 में सर्वाधिक धान उत्पादन के लिए राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा था। प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह ने 16 जुलाई 2011 को मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह को यह पुरस्कार प्रदान किया था। इस वर्ष 17 फरवरी को राज्य शासन द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ उद्यानिकी मिशन को भी केन्द्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार और केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री डाॅ. चरण दास महंत ने 17 फरवरी 2012 को नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ उद्य़ानिकी मिशन को प्रशस्ति पत्र और ट्राफी प्रदान कर सम्मानित किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *