कृषि मंत्री से इजराईल के कृषि एवं जल प्रबंधन विशेषज्ञों ने की मुलाकात

कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में कृषि विकास, जल प्रबंधन और सिंचाई सुविधाओं के विकास में इजराईल की नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने की मंशा जाहिर की है। श्री अग्रवाल आज यहां अपने निवास पर इजराईल की कृषि और जल प्रबंधन क्षेत्र की विश्व प्रसिद्ध संस्था ’टहल’ के विशेषज्ञ प्रतिनिधियों श्री अविशाय, श्री नीर अलोनी तथा नई दिल्ली के डॉ. प्रताप सिंह से चर्चा में यह बात कही।

कृषि मंत्री श्री अग्रवाल ने कृषि विशेषज्ञों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि विकास के मामले में भी तेजी से उभर रहा है। छत्तीसगढ़ का कृषि विकास दर राष्ट्रीय विकास दर की तुलना में अधिक है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजनाकाल (वर्ष 2007-08 से 2011-12) में जहां राष्ट्रीय कृषि विकास दर 3.3 प्रतिशत थी वहीं छत्तीसगढ़ की कृषि विकास दर 6.3 प्रतिशत रही। बारहवीं पंचवर्षीय योजना काल के प्रथम दो वर्ष 2012-13 तथा 2013-14 में छत्तीसगढ़ की कृषि विकास दर 5.8 प्रतिशत तथा राष्ट्रीय कृषि विकास दर 3 प्रतिशत दर्ज किया गया है। किसानों को कृषि कार्य के लिए चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। कृषि विकास के महत्व को देखते हुए प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2011-12 में अलग से कृषि बजट प्रस्तुत किया गया। श्री अग्रवाल ने चर्चा के दौरान बताया कि वे केन्द्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ 30 दिसम्बर से पांच जनवरी तक इजराईल के दौरे पर जाएंगे।
इजराईल के कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि आज दोपहर को उन्होंने मंत्रालय में कृषि एवं जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने कृषि विकास और जल प्रबंधन की इजराईली तकनीकी का प्रस्तुतिकरण दिया। कृषि मंत्री श्री अग्रवाल को प्रतिनिधियों ने बताया कि प्रेजेन्टेशन के दौरान कृषि और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ की भौगोलिक और प्राकृतिक परिस्थितियों तथा जलवायु के बारे में विस्तार से बताया। छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी के विकास के लिए बेहतर माहौल है। विगत वर्षों में छत्तीसगढ़ में किसानों और खेतिहर मजदूरों के हित में बेहतर काम किए गए हैं। प्रतिनिधियों ने कहा कि हमारी संस्था छत्तीसगढ़ में खेती के विकास और जल प्रबंधन के लिए राज्य सरकार को हर संभव मदद देने उत्सुक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के कम वर्षा वाले क्षेत्रों में जल प्रबंधन के लिए बेहतर काम किया जा सकता है। प्रेजेन्टेशन के दौरान कृषि विभाग के सचिव श्री अनूप श्रीवास्तव, संचालक कृषि श्री एम.एस. केरकेट्टा, संचालक उद्यानिकी श्री नरेन्द्र पाण्डेय सहित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विभाग एवं जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कृषि विशेषज्ञ श्री अविशाय और श्री अलोनी ने बताया कि इजराईल में खेती, उद्यानिकी, जल प्रबंधन तथा सिंचाई में आधुनिकतम तकनीक का उपयोग किया जाता है। इसके कारण खेती-किसानी में लागत कम आती है, जिससे किसानों को अधिक लाभ होता है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में भी नवीनतम तकनीक का उपयोग खेती-किसानी और किसानों की खुशहाली के लिए किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सिंचाई खासकर सूक्ष्म सिंचाई पद्धति में इजराईली तकनीक पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था सूक्ष्म सिंचाई योजना और पायलट प्रोजेक्ट के साथ-साथ अन्य योजनाएं बनाने में जरूरी तकनीकी सहयोग और मार्गदर्शन देती है। कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन आदि क्षेत्र में इस कम्पनी की खास विशेषज्ञता है। यह लगभग 64 साल पुरानी कम्पनी है।
उन्होंने बताया कि ’टहल’ कम्पनी की विश्व के कई देशों में शाखाएं चल रही है। सूखा प्रभावित, अधिक वर्षा और कम वर्षा वाले सभी क्षेत्रों में जल प्रबंधन की बेहतर तकनीक कम्पनी के द्वारा मुहैया कराई जाती है। ऐसे क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ जल प्रबंधन के जरिए पानी का सदुपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि इजराईल अल्पवर्षा वाला देश है, जहा मरूस्थल और पहाड़ियां है। बेहतर जल प्रबंधन से इजराईल में आज खेती उद्योग का रूप ले चुकी है।

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