छत्तीसगढ़ का तेंदूपत्ता

छत्तीसगढ़ के वनों से आगामी मौसम में उत्पादित तेन्दूपत्ता के अग्रिम विक्रय की कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है। छत्तीसगढ़ सहित आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, झारखण्ड, ओडीसा, बिहार, बंगाल के व्यापारियों ने खासा उत्साह दिखाया है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ द्वारा प्रथम चरण की  निविदा में ही 11 लाख 34 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता 292 करोड़ 33 लाख रुपए में अग्रिम रुप से 5704-140111खरीद लिया। इस बार तेन्दूपत्ता पिछले साल की तुलना में 408 रुपए प्रति मानक बोरा अधिक में बिका है। पिछले साल छत्तीसगढ़ का तेन्दूपत्ता दो हजार 170 रुपए औसत में बिका था जबकि इस साल दो हजार 578 रुपए प्रति मानक बोरा में बिका है। वन मंत्री श्री विक्रम उसेण्डी की अध्यक्षता में इस महीने की बारह तारीख को यहां मंत्रालय में वनोपज राजकीय व्यापार अंतर्विभागीय समिति की बैठक में प्राप्त निविदा दरों का अनुमोदिन भी कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि चालू तेंदूपत्ता मौसम में छत्तीसगढ़ में सोलह लाख 39 हजार मानक बोरे तेंदूपत्ता के संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है। इन पत्तों के विक्रय के लिए छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा इस महीने की दो तारीख तक निविदाएं आमंत्रित की गई थी। ये निविदाएं तीन तारीख को रायपुर और बिलासपुर वन वृत्त में खोली गई। निविदा प्रक्रिया में 391 निविदाकारों ने हिस्सा लिया। अंतर्विभागीय समिति की बैठक में 11 लाख 34 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ते को 292 करोड़ 33 लाख रुपए में विक्रय किया गया। तेन्दूपत्ता औसत रूप से दो हजार 578 रुपए प्रति मानक बोरा में बेचा गया है। इस विक्रय मूल्य पर तीन प्रतिशत वन विकास उपकर तथा 25 प्रतिशत वैट अलग से प्राप्त होगा। पड़ोसी मध्यप्रदेश राज्य में इस वर्ष 2011 का तेन्दूपत्ता एक हजार 827 रुपए प्रति मानक बोरा के औसत मूल्य पर विक्रय हुआ है।
तेंदूपत्ते का संग्रहण गांवों में प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के द्वारा फड़ों के माध्यम से किया जाता है। फड़ों पर अच्छी तरह हरे पत्तों को सूखा लेने के बाद नजदीक के गोदामों में भण्डारित किया जाता है। हरे तेंदूपत्ता का संग्रहण ग्रामीणों के लिए मौसमी रोजगार और अतिरिक्त आमदनी का अच्छा जरिया है। लगभग साढ़े तेरह लाख ग्रामीण परिवार छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य से सीधे जुड़े हुये हैं। संग्रहण  मजूदरी के रूप में उन्हें करीब एक सौ करोड़ रूपये से अधिक की राशि मिलेगी। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तेन्दूपत्ता का संग्रहण मूल्य बढ़ाकर सात सौ रूपये प्रति मानक बोरा कर दिया गया है। वन मंत्री श्री विक्रम उसेण्डी ने तेंदूपत्ता के अच्छे भाव मिलने पर खुशी व्यक्त की है और कहा कि इसका फायदा  अंतत: छत्तीसगढ़ के मेहनतकश ग्रामीणों और वनवासियों को मिलेगा। रोजगार के साथ-साथ उन्हें अब अधिक प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी। वनोपज राजकीय व्यापार अन्तर्विभागीय समिति की बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री नारायण सिंह , प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री आर.के.शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के प्रबंध संचालक श्री ए.के.सिंह सहित अन्य अधिकारी  उपस्थित थे।

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